डॉस (DOS) एक ऑपरेटिंग सिस्टम है । किसी कम्प्यूटर सिस्टम के सरल कार्यों को करने के लिए यह एक महत्त्वपूर्ण सॉफ्टवेयर है । इसका पूरा नाम डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम (Disk Operating System) है । यह ऑपरेटिंग सिस्टम उपभोक्त्ता और कम्प्यूटर सिस्टम के बीच माध्यम का काम करता है ।
इस ऑपरेटिंग सिस्टम के जरिये कम्प्यूटर को चलाने से पहले ऑपरेटिंग सिस्टम को मेमोरी में लोड करना आवश्यक है । डॉस हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के बीच एक माध्यम का कार्य करता है । यह उन कमाण्डों को परिवर्तित करता है जो की-बोर्ड की मदद से ऐसी भाषा डाली जाती हैं जिन्हें कम्प्यूटर आसानी से समझ सके । इसे डिस्क पर स्टोर किया जाता है और यह आपकी हार्ड डिस्क से में मेमोरी में लोड किया जाता है ।
आप विशेष कमाण्डों के प्रयोग से निम्नलिखित कार्यों को कर सकते हैं :
- फाइल को बनाना या मिटाना और फाइल के नामों को बदलना ।
- आप स्टोर की गई फाइलों की सूचि देख सकते हैं ।
- आप हार्डवेयर को दो भागों में बाँट सकते हो ।
- नई फ्लॉपी डिस्क को फॉरमेट कर सकते हो ।
- आप हार्ड डिस्क से फ्लॉपी में और फ्लॉपी डिस्क से हार्ड डिस्क में बैकअप ले सकते हैं ।
वे कार्य जो डॉस स्वतः करता है :
- यह हार्डवेयर जैसे की सी. पी. यू. और मेमोरी को नियंत्रण करता है ।
- यह वायरस को ढूँढ निकालता है ।
- यह विभिन्न प्रोग्रोमों में मेमोरी का आबंटन करता है ।
- यह कम्प्यूटर से जुड़े अन्य उपकरणों को नियंत्रित करता है ।
- यह की-बोर्ड से सूचनाओं को लेता है और उन्हें मॉनीटर पर दिखाता है ।