कम्प्यूटर केवल मशीनी भाषा (Machine Language) समझता है जो कि दो अंकों (0 और 1) पर आधारित होती है लेकिन प्रोग्रामर मशीनी भाषा में प्रोग्राम लिखने में असमर्थ होता है । स्त्रोत भाषा में लिखे ये प्रोग्राम कम्प्यूटर के लिए मशीनी भाषा में परिवर्तित किये जाते हैं । ये भाषा प्रोसेसर (Language Processor)उच्च-स्तरीय भाषा को मशीनी भाषा में और मशीनी भाषा को उच्च-स्तरीय भाषा में अनुवाद करते हैं । मशीन भाषा की तुलना में उच्च-स्तरीय भाषा में प्रोग्राम लिखना सरल होता है ।
तीन प्रकार के भाषा प्रोसेसर (Language Processors) हैं :
- अनुवादक (Assembler) :
- इन्टरप्रेटर (Interpreter) :
- कम्पाइलर (Compiler) :
वह प्रोग्राम जो कि असेम्बली भाषा के प्रोग्रामों का अनुवाद मशीनी भाषा में करता है, अनुवादक कहलाता है ।
वह प्रोग्राम जो उच्च-स्तरीय भाषा में लिखे प्रोग्राम का अनुवाद मशीनी भाषा में करता है, इन्टरप्रेटर कहलाता है । यह एक के बाद एक लाइन का अनुवाद करता है इसलिए प्रत्येक वाक्य में होने वाली त्रुटियों को मॉनीटर पर एक के बाद एक करके दिखता है । यहाँ पर त्रुटियों को ढूँढना और उन्हें दूर करना बहुत आसान होता है । कई बार तो हम गलती का तभी पता लगा लेते हैं जब हम कम्प्यूटर पर निर्देश टाइप करते हैं ।
यह उच्च-स्तरीय भाषा को मशीनी भाषा में परिवर्तित करता है । जब प्रोग्राम पूर्ण रूप से कम्प्यूटर में डाल दिया जाता है तब यह पूरे प्रोग्राम को एक ही बार में अनुवाद कर देता है । इससे शीघ्रता से पूरा प्रोग्राम मशीनी भाषा में अनुवादित हो जाता है और यदि इसमें कुछ त्रुटियाँ हैं, वे एक ही समय में स्क्रीन पर प्रकट हो जाती हैं । जब सभी त्रुटियाँ दूर कर दी जाती हैं तो उस प्रोग्राम को फिर से अनुवादित किया जाता है ।